... बड़े हो गए !

हम खड़े हो गए ...
दुनिया कहती ,
तुम बड़े हो गए...
भक्ति अंधी,
ऐसी है अब ..
सच भी
मुर्दे गड़े हो गए ...
फेंकें चाहें ,
लंबी चौड़ी ....
सच्चाई के ,
धड़े हो गए ..
बुत बनकर ,
हम खड़े हो गए ...
दुनिया कहती ,
तुम बड़े हो गए ..
सच्चाई के ,
धड़े हो गए ..
बुत बनकर ,
हम खड़े हो गए ...
दुनिया कहती ,
तुम बड़े हो गए ..
वोट फंसे,
दाढ़ी -चोटी में...
सोच- सियासत,
सड़े हो गए ...
हुकूमत उनकी,
हुकुम भी उनका...
कौमी करतब
कड़े हो गए ..
बुत बनकर
हम खड़े हो गए
दुनिया कहती,
तुम बड़े हो गए !
दाढ़ी -चोटी में...
सोच- सियासत,
सड़े हो गए ...
हुकूमत उनकी,
हुकुम भी उनका...
कौमी करतब
कड़े हो गए ..
बुत बनकर
हम खड़े हो गए
दुनिया कहती,
तुम बड़े हो गए !
-श्रीपाल शक्तावत