1. बेटी ! जिण घर जळमें नहीं फूट्या उणरा भाग . बेटा दे गोडा जणा रौवे माँ अर बाप !
. 2. बिन बेटी घर नईं , मिनखी चारो भी बेकार . बेटा भख लेवे जणा माचे हाहाकार !
3. बूढी काया ... जद हाँफसी, हिम्मत बेटी साथ. देसी वा ढाढ़स घणों, रक्ख... माथा माथै हाथ ! बेटी ... भळ परायी घणी, पण मुश्कल मं वा साथ ! -श्रीपाल शक्तावत
Friday, October 9, 2015
दादरी : दो दृश्य !!!
-एक-
बीगोद से
बाबरी तक ,
और बाबरी से
दादरी तक ..
हम बढे ,
मगर
इस तरह..
कि ,
गिरते चले गए !
सियासत के
घेरों में,
चंद वोटों के
फेरों में ,
घिरते चले गए !!
-दो -
चुभती थी
नेताओं को
कुछ यूँ .....
चरण सिंह
की वो विरासत !
जाट
वहां पाते थे
सत्ता ......
मुस्लिम
रचते
इक सियासत !
जीत लिखी
जयंत अजीत ने ,
जिन वोटों
के बूते पर !
आज वो वोट
बंटे पड़े हैं ,
मजहब की
इक खूँटी पर !
सत्ता
अजीत का,
अतीत हो गयी !
देखो
दंगाईयों की,
जीत हो गयी !
जीत
मुज्जफरपुर
आगे बढे तो,
यूपी में भी
प्रीत खो गयी !
दादरी
दंगों का ,
नया प्रयोग है !
मजहब
जाति ,
सत्ता उद्योग है !
बीफ
बहाना
भर है यारों
मकसद सत्ता
है हथियाना ...
पहले
जाट मुसलमां
भिड़े धर्म पर ....
अब क्षत्रियों को
भड़काना है !
वोट
काट कर
जाति धर्म से
मकसद,
सत्ता हथियाना है !
जिन्दा होकर
मरे पड़े जो उनको,
बस भड़काना है !
वोट
काट कर
जाति धर्म से
मकसद,
सत्ता हथियाना है !
1989 से पञकारिता के क्षैञ में सक्रिय.रेडियो, प्रिंट और टीवी के जरिये कुछ बेहतर करने की कोशिश . समाज व देश के लिये कुछ करने का मकसद अभी अधूरा.इस बीच स्टिंग के जरिये "एक अभागी मां" स्टोरी से बुजुर्गों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार पर लोगों का ध्यान खींचने की कोशिश सराही गयी.और कोख में कन्याओं का कत्ल करने वाले डाक्टरों को एक्सपोज करने के लिये किये गये चर्चित स्टिंग ऑपरेशन "कोख में कत्ल" की भी देश दुनिया में चर्चा हुई.लेकिन अजन्मी बच्चियों के हक़ की इस लड़ाई को अदालतों के जरिये आगे बढ़ाने का काम अभी बाकी है फिल्म अभिनेता आमिर खान के चर्चित टी वी शो " सत्यमेव जयते " के पहले एपिसोड के जरिये कन्या भ्रूण हत्या को लेकर छेड़ी गयी हमारी मुहिम को नयी ताकत मिली .लेकिन अजन्मी बच्चियों के हक़ की इस लड़ाई को अदालतों के जरिये आगे बढ़ाने का काम अभी बाकी है .
लेकिन टीवी रिपोर्टिंग का असली तैवर दिखा एक बेजुबान दर्द को दुनियां के बीच ले जाने और एक अस्सी वर्षीया गूंगी बहरी महिला को चलती जीप से फेंक कर फरार हो जाने वाले अपराधियों को दर्शकों की मदद से ढूंढ निकालने और एक डाकू को आत्मसमर्पण पर मजबूर करने के बाद.